तिरुपति बालाजी के प्रसाद मामले को लेकर CM चंद्र बाबू नायडू के तेवर सकत
देश में बीफ को लेकर बहस बहुत पुरानी है. लेकिन इस बार मामला विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के प्रसाद में घटिया सामग्री और पशु चर्बी के कथित उपयोग को है. दरअसल सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी ने बीते गुरुवार को दावा किया कि गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला ने मिलावट की पुष्टि की है. टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कथित लैब रिपोर्ट दिखाई है, जिसमें दिये गये घी के नमूने में "बीफ टैलो" की मौजूदगी की पुष्टि हुई है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर बीफ टैलो क्या होता है. अब सवाल ये है कि आखिर बीफ टैलो क्या होता है और ये पूरा मामला क्या है. पहले समझते हैं कि मामला क्या है. बता दें कि आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि 'चंद्रबाबू नायडू ने यह टिप्पणी कि उन्होंने सीएम के रूप में लड्डू प्रसादम में घी के बजाय पशु तेल का इस्तेमाल किया है. ये तिरुमाला की पवित्रता और प्रतिष्ठा के लिए हानिकारक है. वहीं करोड़ों हिंदुओं के आराध्य देव वेंकटेश को कलंकित किया है.