Dhirendra Shashtri के दरबार पहुंचा abp न्यूज, 'पर्चे' वाले दावों की क्या है हकीकत ?
बागेश्वर धाम के कथा वाचक पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (Pt Dhirendra Shastri) इन दिनों सुर्खियों में हैं. लोगों के बताए बिना ही उनके बारे में सारी जानकारी हासिल कर लेने का दावा करने वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री का नागपुर में काफी विरोध हो रहा है. विवादों में आए पंडित धीरेंद्र शास्त्री से एबीपी न्यूज ने बातचीत की. इस दौरान उनसे उनकी निजी और आध्यात्मिक जीवन को लेकर कई सवाल पूछे गए, जिनका उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया. 26 साल की उम्र में अध्यात्म से जुड़ने के सवाल पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "हमारे जीवन का प्रारंभ ही आध्यात्म से हुआ. हमारे पूज्य दादा गुरुजी जहां बागेश्वर बालाजी धाम स्वयंभू हनुमान जी हैं. हमारे दादा गुरुजी वहां के पीठाधीश्वर से थे. वहां हम बैठते थे. उनके ऊपर बागेश्वर बाबाजी की कृपा थी. उन्होंने हमें 8-9 साल की उम्र में ही वहां से जोड़ दिया था. उसके बाद जिंदगी का अनुभव वहीं से हुआ." विवाद में घिरने को लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "लोगों ने तो भगवान राम तक नहीं छोड़ा. भारत में भगवान राम के होने का सबूत मांगा गया. अयोध्या के लिए सबूत मांगा गया. भगवान कृष्ण को नहीं छोड़ा गया. उनको काउंटर लोग करते रहे. तो हमें लोग कैसे छोड़ेंगे? मैं कहूंगा कि सिंह का बच्चा कभी डरता नहीं है. जिसका गुरु बलवान होता है, चेला पहलवान होता है. हम अपने गुरु को मानते हैं. काम सनातन का करके जाना है."