Goa कैसे बना भारत का हिस्सा? जानिए Operation Vijay के बारे में
ABP News Bureau
Updated at:
12 Aug 2022 05:29 PM (IST)
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View In Appब्रिटिश और फ्रेंच भारत छोड़ चुके थे लेकिन गोवा, दमन और दीव में पुर्तगाली जमे हुए थे। भारत ने पुर्तगाल को हथियार छोड़ने और सरेंडर करने का आखिरी अल्टीमेटम दिया लेकिन उसने अनसुना कर दिया। पुर्तगाली आसानी से गोवा छोड़ने के मूड में नहीं थे क्योंकि यह देश नाटो का सदस्य था और उस समय भारत के तत्कालीन पीएम नेहरू सैनिक टकराव से बचना चाह रहे थे। इसी समय नवंबर 1961 में एक घटना घटी। पुर्तगाली सैनिकों ने गोवा के मछुआरों पर गोलियां चलाईं जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके बाद माहौल बदल दिया। तत्कालीन रक्षा मंत्री केवी कृष्ण मेनन और पीएम नेहरू ने आपात बैठक की और भारतीय सशस्त्र बलों को गोवा की आजादी के लिए ऑपरेशन विजय की हरी झंडी दे दी गई।