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ADR के संस्थापक से जानिए- चुनावी घोषणापत्र को कानूनी पहरेदार ना मिलने का रोड़ा कहां अटका है?
संविधान की शपथ में आज एक बड़ा सवाल- क्या चुनावी घोषणा पत्र के वादे पूरे कराने के लिए कानूनी पहरेदार की जरूरत है. चुनाव में वादे जनता से किए गए वादों की जवाबदेही तय करने के लिए कोई कानूनी पहल करने की जरूरत है. ये सवाल इसलिए क्योंकि मासूम जनता इन वादों के भरोसे ही दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में सरकार चुनती है. ऐसे में इन वादों की अहमियत क्या है, इसका आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है. इस मुद्दे पर ADR के संस्थापक त्रिलोचन शास्त्री ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत की है. चुनावी घोषणापत्र पर कानूनी पहरेदार बिठाने में अड़ंगा कहां है? इसपर त्रिलोचन शास्त्री ने कहा कि अड़ंगा संसद में है. अगर राजनीतिक दल चाहे तो इस पर कानून तुरंत बना सकते हैं.
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