Delhi Elections 2025: पानी, बिजली, सड़कें... करोल बाग की जनता ने गिनाएं बड़े चुनावी मुद्दे | ABP News
करोलबाग. दिल्ली ही नहीं.. पूरे देश के लिए जानी-पहचानी जगह.. यहां का गफ्फार मार्केट मोबाइल के लिए पूरे देश में मशहूर है.. तो करोलबाग बाजार में शादी.. फैशन का जलवा है.. करोल बाग की स्ट्रीट फूड पूरी दिल्ली पसंद करती है.. तो सियासी जायका चखने हम सबसे पहले पहुंचे करोलबाग मार्केट.. आजादी से पहले मुस्लिम बहुल इस इलाके से काफी लोग 1947 में पाकिस्तान चले गए थे और पश्चिमी पंजाब और सिंध से शरणार्थी आकर बस गए.. दिल्ली में 17 फीसदी दलित वोटर हैं। जबकि इस करोलबाग सीट पर एससी समुदाय की 41 फीसदी आबादी है..1993 से ही अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व सीट पर। AAP ने 10 साल से विधायक विशेष रवि को फिर से उम्मीदवार बनाया है तो वहीं बीजेपी ने राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम को करोलबाग में कमल खिलाने की जिम्मेदारी सौंपी हैं. कांग्रेस ने अब तक इस सीट पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. करोलबाग के अलग-अलग हिस्सों में हम पहुंचे चुनावी पड़ताल करने.... दिल्ली के और इलाकों की तरह यहां की तंग गलियों में भी तारों का जंजाल स्वागत के लिए मौजूद था... आमने सामने बॉलकनी और बीच में बिजली की जानलेवा तारे करोल बाग की स्थिति बयां कर रही थी...करोलबाग विधानसभा सीट दिल्ली की रिजर्व सीट में से एक है। 1993 में जब से दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला तब से सात चुनाव हो चुके हैं। इनमें 1993, 2003 और 2008 में बीजेपी को जीत मिली जबकि महात्मा गांधी की विरासत से जुड़े होने के बावजूद कांग्रेस को सिर्फ़ एक बार 1998 में यहाँ से जीत मिली। लेकिन 2013 से लेकर 2020 तक लगातार तीन चुनावों में जीत की हैट्रिक लगा कर विशेष रवि ने करोलबाग को आम आदमी पार्टी के क़िले में तब्दील कर दिया। दिलचस्प बात ये है कि दिल्ली में एससी सीटों पर जिसकी जीत हुई सरकार उसी की बनी.