V C Sajjanar: 2008 का वारंगल 2019 का Hyderabad, विलेन अलग, हीरो एक ! Hyderabad Encounter
ABP News Bureau
Updated at:
06 Dec 2019 10:14 PM (IST)
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पूरे देश में आज सिर्फ दो तरह के विचार ट्रेंड कर रहे हैं. जनभावना ये है कि हैदराबाद के गैंगरेप और हत्या के आरोपियों का एनकाउंटर बिल्कुल सही हुआ लेकिन कानून और न्याय व्यवस्था में विश्वास रखने वालों का मानना है कि इससे गलत उदाहरण सेट हुआ.
हमें लगता है कि आपको अपनी राय खुद बनानी चाहिए क्योंकि अपनी जगह पर ये सवाल भी सही है कि देश की लचर न्याय और कानून व्यवस्था की वजह से रेप के आरोपियों का इंसाफ ऐसे सड़क पर हो रहा है क्योंकि अदालतें मुकदमों के बोझ तले दबी हैं.
7 साल बाद भी दिल्ली की निर्भया कांड के दोषियों को अब तक फांसी नहीं हुई. इसलिए जनभावनाओं का मानना है कि हैदराबाद में इंसाफ हुआ है लेकिन दूसरी आवाज ये है कि देश में न्याय व्यवस्था है, अदालतें हैं, संविधान है. ऐसे अगर पुलिस को फैसला ऑन द स्पॉट करने की छूट दे दी गई, तो देश में अराजकता फैल जाएगी.
हमें लगता है कि आपको अपनी राय खुद बनानी चाहिए क्योंकि अपनी जगह पर ये सवाल भी सही है कि देश की लचर न्याय और कानून व्यवस्था की वजह से रेप के आरोपियों का इंसाफ ऐसे सड़क पर हो रहा है क्योंकि अदालतें मुकदमों के बोझ तले दबी हैं.
7 साल बाद भी दिल्ली की निर्भया कांड के दोषियों को अब तक फांसी नहीं हुई. इसलिए जनभावनाओं का मानना है कि हैदराबाद में इंसाफ हुआ है लेकिन दूसरी आवाज ये है कि देश में न्याय व्यवस्था है, अदालतें हैं, संविधान है. ऐसे अगर पुलिस को फैसला ऑन द स्पॉट करने की छूट दे दी गई, तो देश में अराजकता फैल जाएगी.