Hamara Samvidhan EP 11: भारतीय संविधान का हिस्सा कैसे बने 'मौलिक कर्तव्य' ? जानिए
ABP News Bureau
Updated at:
27 Nov 2019 11:03 PM (IST)
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In App
Hamara Samvidhan Episode 12
संविधान ने हमें बहुत सारे मौलिक अधिकार दिए हैं. लेकिन क्या हमारे पास सिर्फ अधिकार ही हैं, कर्तव्य नहीं? कर्तव्यों को संविधान का हिस्सा बनाने को लेकर लंबी बहस हुई. संविधान के निर्माण के दौरान कई बड़े नेता कर्तव्यों का भी उल्लेख उसमें किए जाने के पक्ष में थे. खुद महात्मा गांधी ने कहा था, "अधिकारों का जन्म कर्तव्य से होता है. मेरी मां निरक्षर थी. लेकिन बहुत बुद्धिमान थी. उन्होंने मुझे बताया कि अगर सब लोग अपने फर्ज को निभाएं, तो दूसरों के अधिकारों की रक्षा खुद ही हो जाएगी."
इस भावना के बावजूद शुरु में कर्तव्यों को संविधान में अलग से जगह नहीं मिली. 1976 में 42वें संशोधन के जरिए मौलिक कर्तव्यों को संविधान का हिस्सा बनाया गया.
हमारा संविधान शो में जानिए भारत के संविधान में मौजूद मौलिक कर्तव्य के बारे में
संविधान ने हमें बहुत सारे मौलिक अधिकार दिए हैं. लेकिन क्या हमारे पास सिर्फ अधिकार ही हैं, कर्तव्य नहीं? कर्तव्यों को संविधान का हिस्सा बनाने को लेकर लंबी बहस हुई. संविधान के निर्माण के दौरान कई बड़े नेता कर्तव्यों का भी उल्लेख उसमें किए जाने के पक्ष में थे. खुद महात्मा गांधी ने कहा था, "अधिकारों का जन्म कर्तव्य से होता है. मेरी मां निरक्षर थी. लेकिन बहुत बुद्धिमान थी. उन्होंने मुझे बताया कि अगर सब लोग अपने फर्ज को निभाएं, तो दूसरों के अधिकारों की रक्षा खुद ही हो जाएगी."
इस भावना के बावजूद शुरु में कर्तव्यों को संविधान में अलग से जगह नहीं मिली. 1976 में 42वें संशोधन के जरिए मौलिक कर्तव्यों को संविधान का हिस्सा बनाया गया.
हमारा संविधान शो में जानिए भारत के संविधान में मौजूद मौलिक कर्तव्य के बारे में