सेना में महिलाओं को समान अधिकार, अब हुआ असली न्याय ! Master Stroke
ABP News Bureau
Updated at:
17 Feb 2020 10:42 PM (IST)
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महिलाओं की शारीरिक क्षमता की वजह से सेना में बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिलनी चाहिए. एक महिला के पास पारिवारिक दायित्व ज्यादा होता है इसलिए भी उसे सेना में स्थायी नियुक्ति नहीं मिलना चाहिए.
ये सारे तर्क केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए थे...ताकि सेना में महिला अधिकारियों की स्थायी नियुक्ति को रोका जा सके लेकिन सरकार के इन तर्कों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा-सोच बदलो. इसी सोच का हवाला देकर आज राहुल गांधी ने भी एक ट्वीट किया, बोले कि सरकार ने थल सेना में महिला अधिकारियों को कमान पोस्ट देने के खिलाफ अदालत में जो दलीलें दीं. उन दलीलों से भारतीय महिलाओं का अपमान हुआ है लेकिन राहुल गांधी का ये ट्वीट उन्हीं पर भारी पड़ गया. एक वकील ने लिखा- कि आज सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है. ठीक यही फैसला 2010 में हाईकोर्ट ने दिया था. तब केंद्र सरकार अदालत गई थी और 2010 में तो कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार थी. मतलब राहुल गांधी अपने ही ट्वीट पर फंस गए. खैर मुद्दा ये है कि सेना में आखिरकार बेटियों को उनका वाजिब हक अब मिलेगा.
ये सारे तर्क केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए थे...ताकि सेना में महिला अधिकारियों की स्थायी नियुक्ति को रोका जा सके लेकिन सरकार के इन तर्कों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा-सोच बदलो. इसी सोच का हवाला देकर आज राहुल गांधी ने भी एक ट्वीट किया, बोले कि सरकार ने थल सेना में महिला अधिकारियों को कमान पोस्ट देने के खिलाफ अदालत में जो दलीलें दीं. उन दलीलों से भारतीय महिलाओं का अपमान हुआ है लेकिन राहुल गांधी का ये ट्वीट उन्हीं पर भारी पड़ गया. एक वकील ने लिखा- कि आज सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है. ठीक यही फैसला 2010 में हाईकोर्ट ने दिया था. तब केंद्र सरकार अदालत गई थी और 2010 में तो कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार थी. मतलब राहुल गांधी अपने ही ट्वीट पर फंस गए. खैर मुद्दा ये है कि सेना में आखिरकार बेटियों को उनका वाजिब हक अब मिलेगा.