Citizenship Amendment Bill को लेकर Pakistan, America जैसे देशों को क्या और क्यों आपत्ति है? जानिए
ABP News Bureau
Updated at:
11 Dec 2019 09:33 PM (IST)
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नागरिकता संशोधन बिल का पूर्वोत्तर में भारी विरोध हो रहा है. दरअसल पूर्वोत्तर राज्यों के स्वदेशी लोगों के एक बड़े वर्ग को ये लगता है कि इस नागरिकता बिल के जरिए जिन शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी उनसे उनकी पहचान, भाषा और संस्कृति ख़तरे में पड़ जाएगी.
पूर्वोत्तर के कई राज्यों में लोग नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ सड़कों पर उतरे हुए हैं. रविवार और सोमवार को बिल के खिलाफ असम में 48 घंटे का बंद बुलाया गया.
गृहमंत्री ने साफ किया कि ये बिल अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड(दीमापुर को छोड़कर), त्रिपुरा(लगभग 70%) और लगभग पूरे मेघालय में यह कानून लागू ही नहीं होगा. असम में बोड़ो, कार्बी और डिमासा इलाके संविधान की छठी अनुसूची के अंतर्गत आते हैं, लिहाजा वहां भी ये कानून लागू नहीं होगा.
इस बिल पर विदेशी संस्ताओं ने क्या आपत्तियां की हैं? क्या है बिल, विरोध के कारण क्या हैं ? समझिए
पूर्वोत्तर के कई राज्यों में लोग नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ सड़कों पर उतरे हुए हैं. रविवार और सोमवार को बिल के खिलाफ असम में 48 घंटे का बंद बुलाया गया.
गृहमंत्री ने साफ किया कि ये बिल अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड(दीमापुर को छोड़कर), त्रिपुरा(लगभग 70%) और लगभग पूरे मेघालय में यह कानून लागू ही नहीं होगा. असम में बोड़ो, कार्बी और डिमासा इलाके संविधान की छठी अनुसूची के अंतर्गत आते हैं, लिहाजा वहां भी ये कानून लागू नहीं होगा.
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