जानिए Assam-Bengal Election से पहले अचानक 'चाय' के मुद्दे ने क्यों पकड़ा जोर?
एबीपी न्यूज़
Updated at:
14 Feb 2021 08:33 PM (IST)
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असम और पश्चिम बंगाल की चुनावी रैलियों में अब अचानक चाय के मुद्दे की गूंज सुनाई देने लगी है. आखिर चुनावी रैलियों में अचानक चाय कहां से आ गई? इस चाय की चर्चा के सियासी मायने क्या हैं?
बंगाल में सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने के लिए जहां बीजेपी ने पूरा जोर लगाया हुआ है, वहीं असम में उसे अपनी सरकार बनाए रखने की चुनौती है. तो कांग्रेस वापसी के लिए बेकरार है. इसीलिए चाय, चाय बागान और उन बागानों के मजदूरों की फिक्र चुनावी रैलियों में गूंजती दिख रही है.
बंगाल में सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने के लिए जहां बीजेपी ने पूरा जोर लगाया हुआ है, वहीं असम में उसे अपनी सरकार बनाए रखने की चुनौती है. तो कांग्रेस वापसी के लिए बेकरार है. इसीलिए चाय, चाय बागान और उन बागानों के मजदूरों की फिक्र चुनावी रैलियों में गूंजती दिख रही है.