हवा में हिजाब, बगावत का 'तेजाब' | Iran Hijab Row | Iran Protest |ABP News |2024 Taiyari Shuru
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View In App#iranprotests #iranhijabprotest #hijabrow #hijabnews ईरान में इन दिनों पितृसत्ता की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. वहां लड़कियां न सिर्फ हिजाब को आग लगा रही हैं बल्कि उस सोशल कंडीशनिंग को भी जला कर भस्म कर रही हैं जो नैतिकता के नाम पर उनके लिए ड्रेस कोड तय करती है. सिर्फ सड़कों पर ही नहीं युवा लड़कियां कॉलेज कैंपस में भी हर उस ज़बरदस्ती के खिलाफ खड़ी हो गई हैं जिसे सालों से नियम बनाकर थोपा जा रहा है. ईरान की महिलाएं एक बार फिर 70 के दशक जैसा मुल्क बनाने के लिए जंग लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं. उनका साफ कहना है कि हिजाब अगर विकल्प होता तो माहसा अमीनी को सिर न ढंकने के लिए गिरफ्तार नहीं किया जाता. यानी मकसद साफ है कि ईरान के छात्राओं ने फिर से महिलाओं के लिए 70 के दशक जैसा मुल्क बनाने के लिए जंग का ऐलान कर दिया है. ईरान की लड़कियों ने तय कर लिया है कि अब उन्हें फिर से अपनी मर्जी का सलवार-कुर्ता, जीन्स-टॉप या कोई अन्य ड्रेस पहनना है जैसा 70 के दशक में था. वर्तमान में ईरान में हर तरफ सरकार के खिलाफ नारेबाजी हो रही है. सोशल मीडिया पर महिलाओं के बाल काटने का वीडियो सामने आ रहा है. तो कहीं वह सुरक्षाबलों के सामने अपने हिजाब उड़ा रहीं हैं. इन प्रदर्शनों की वजह 22 साल की महसा अमिनी हैं. महसा अमिनी अब इस दुनिया में नहीं हैं. 16 सितंबर को उनकी मौत हो गई. अमिनी का एकमात्र अपराध ये था कि उसने ठीक तरह से हिजाब नहीं पहना था. हिजाब ठीक से नहीं पहनने के कारण ईरान की मोरल पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और एक वैन में बेरहमी से पीटा, बुरी तरह से पीटे जाने के कारण अमिनी कोमा में चली गई, बाद में उनकी मृत्यु हो गई. हालांकि, पुलिस और सरकार ने उसके खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा के दावों से इनकार किया है. लेकिन यह पहली बार नहीं है जब ईरान में किसी महिला के साथ ठीक से हिजाब न पहनने पर मारपीट की गई हो. ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. ईरान की महिलाएं अक्सर ही इस तरह की क्रूरता का विरोध करती रही हैं.