हनुमान चालीसा के पाठ की चुनौती पर राजद्रोह का केस लगाना क्या बदले की भावना नहीं है ?
महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से लाउडस्पीकर और हनुमान चालीसा को लेकर ज़बरदस्त हंगामा मचा हुआ है.पहले राज ठाकरे ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल का विरोध करते हुए 3 मई तक लाउडस्पीकर हटाने का अल्टीमेटम दिया.राज ठाकरे के अल्टीमेटम को लेकर हंगामा चल ही रहा था कि हनुमान चालीसा के सहारे अमरावती की सांसद नवनीत राणा की एंट्री हो गई.नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा ने सीएम उद्धव ठाकरे के बंगले के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने का एलान कर दिया...23 अप्रैल को दोनों हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए मुंबई पहुंचे लेकिन शिवसैनिकों ने उन्हें घर से बाहर ही नहीं निकलने दिया...बाद में राणा दंपति को गिरफ़्तार भी कर लिया गया...लेकिन क्या हनुमान चालीसा के पाठ की चुनौती देने पर राणा दंपति के ख़िलाफ़ राजद्रोह जैसा केस होना चाहिए...क्या ये बदले की कार्रवाई नहीं है...सवाल ये भी है कि क्या महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर और हनुमान चालीसा पर हंगामे से राज्य की क़ानून-व्यवस्था ध्वस्त हो रही है...सवाल ये भी है कि क्या नवनीत राणा बीजेपी के इशारे पर उद्धव सरकार को चैलेंज दे रही हैं