अग्निपथ में खामी या कन्फ्यूजन भारी ? । Agnipath Scheme
आज प्रदर्शन के नाम पर पूरे देश को बंधक बनाकर रखा गया... आज अग्निपथ योजना के विरोध में देश को आग में झोंक दिया गया... सड़कों पर विरोध का तमाशा चल रहा था... रेल की पटरियों पर बेबसी और अराजकता थी... और इन पटरियों पर चलने वाली रेल धूधूकर जल रही थी.. और इस देश का सिस्टम मजबूर खड़ा होकर तमाशा देख रहा था... जो सेना में भर्ती होकर देशसेवा करना चाहते हैं.. वो खुद इस देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे... जो सेना में भर्ती होकर इस देश के दुश्मनों लड़ना चाहते हैं.. वो खुद देश के दुश्मन की तरह बर्ताव कर रहे हैं... शिकायत अगर सरकार किसी आदेश से है तो रेल पर गुस्सा निकालने की जरूरत क्या है ? क्या ट्रेन को आग के हवाले करके ये बेरोजगार युवा फौजी बन जाएंगे.. और अगर ये कल को फौजी बन भी गए.. तो क्या ये सवाल इन्हें ताउम्र नहीं कचोटेगा कि इस वर्दी के लिए उन्होंने ट्रेन तक जलाई... राष्ट्र की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया... ये सब हंगामावीर वो हैं, जो अग्निवीर नहीं बनना चाहते.. यानी इन्हें फौज में भर्ती का नया नियम पसंद नहीं आया...