Israel Palestine War: इजराइल ने मात्र 1 मिनट में हमास पर दागे इतने मिसाइल! Iran । Gaza Strip
एबीपी न्यूज वेब डेस्क
Updated at:
11 Oct 2023 09:00 PM (IST)
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View In Appजब चरमपंथी संगठन हमास ने इजराइल पर हमला किया तो दुनिया के सभी देश इजराइल के साथ खड़े थे. भारत भी उनमें से एक है, जो इजरायल और उसके प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है, लेकिन फिलिस्तीन के साथ भारत की दोस्ती बहुत पुरानी है। भारत हर सुख-दुख में फिलिस्तीन के साथ खड़ा रहा है, फिर अचानक ऐसा क्या हो गया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरा देश अब फिलिस्तीन के साथ नहीं बल्कि इजराइल के साथ खड़ा है। आख़िर फिलिस्तीन के साथ कैसे रहे भारत के रिश्ते और क्यों अब भारत के लिए इजराइल ही है उसका सच्चा दोस्त? द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद जब संयुक्त राष्ट्र का गठन हुआ तो उसने मध्य पूर्व एशिया में भूमि के एक बड़े टुकड़े को दो भागों में बाँट दिया। 1948 में इजराइल एक ऐसा देश बना, जिसे दुनिया के एकमात्र यहूदी देश के रूप में मान्यता मिली। गैर-यहूदियों या यूं कहें कि मुसलमानों के लिए बनाए गए देश को फ़िलिस्तीन कहा गया। हालाँकि जब संयुक्त राष्ट्र ने इज़राइल और फ़िलिस्तीन दो देश बनाने का प्रस्ताव रखा था, तब भारत ने एक देश के रूप में इज़राइल का विरोध किया था, लेकिन जब इज़राइल का गठन हुआ, तो इसके गठन के दो साल बाद 17 सितंबर 1950 को भारत ने भी इज़राइल को मान्यता दी। 1953 में इजराइल ने तत्कालीन बंबई और अब मुंबई में भी अपना वाणिज्य दूतावास खोला, लेकिन भारत के संबंध इजराइल की तुलना में फिलिस्तीन के साथ अधिक सहज रहे।