Jamiat Ulema-e-Hind के Mahmood Madni के मुताबिक क्या मुसलमान भारत के लिए अजनबी हैं ?
ABP News Bureau
Updated at:
28 May 2022 07:36 PM (IST)
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View In Appमौलाना मदनी ने कहा कि, ऐसे मुश्किल हालात में हम आज यहां मौजूद हैं. लेकिन ये सिर्फ हमारा जिगर जानता है कि हमारी क्या मुश्किलें हैं. मुश्किल को झेलने के लिए हौसला और ताकत चाहिए. जिस तरह की चीजें हो रही हैं उसके लिए मुस्लिमों को जेल भरने के लिए तैयार रहना चाहिए. अगर जमीयत-उलमा-ए-हिंद का ये फैसला है कि हम जुल्म को सह लेंगे पर अपने मुल्क पर आंच नहीं आने देंगे. तो ये फैसला कमजोरी की वजह से नहीं है, बल्कि जमीयत-उलमा की ताकत की वजह है. ये ताकत हमें कुरान ने दी है. हम हर चीज से समझौता कर सकते हैं, अपने ईमान से समझौता नहीं कर सकते हैं. हमारा ईमान हमें उस रास्ते पर ले जाता है कि हमें मायूस नहीं होना है.