Silver Screen से सांसद तक कंगना का सफर...अब किसपर नजर? | Love Story
सपनों को मुट्ठी में कैद करने की हसरत.. जिंदगी को अपनी शर्तों पर जीने का चाहत.. दुनिया और समाज की लकीर से हटकर नई इबारत लिखने की शिद्दत..
तमाम संघर्षों और विवादों के बावजूद खुद को हर हालात में साबित करने का जुनून.. और जो सोचा.. जिसे चाहा.. उसे किसी भी हद तक जाकर हासिल करने की दीवानगी..
इसी का नाम है बॉलीवुड की क्वीन.. कंगना रनौत..।
तो चलिए.. पहले यही जान लेते हैं कि कंगना ने क्या चाहा और क्या मिला.. वक्त ने किसे अपनाया और हालात ने किसे ठुकरा दिया..2014 की फिल्म क्वीन की कहानी कंगना की असल जिंदगी से काफी मेल खाती है...किस तरह मोहब्बत के रिश्तों में चोट खाती रहीं...किस तरह कंगना का दिल बारबार टूटता रहा। करीब 15 साल की उम्र में ही दिल्ली से थिएटर का सफर शुरू कर सपनों के शहर मुंबई पहुंची तो संघर्षों का असली सफ़र शुरू हुआ.. उसकी तपिश लंबी हुई तो मोहब्बत की बयार बनकर उनकी जिंदगी में दाखिल हुए आदित्य पंचोली..।