Kanwar Nameplate Row: समझिए कैसे नेमप्लेट विवाद में UP, MP और उत्तराखंड सरकार का दांव पड़ा उल्टा
कांवड़ यात्रा के रूट पर पड़ने वाली दुकानों पर नेमप्लेट लगाए जाने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (22 जुलाई, 2024) को रोक लगा दी. जस्टिस ऋषिकेश रॉय ने सवाल किया कि कांवडिए क्या चाहते हैं कि खाना बनाने वाले, परोसने वाले और फसल उगाने वाले सब गैर-अल्पसंख्यक हों. जस्टिस रॉय ने पूछा कि कांवडिए भगवान शिव की पूजा करते हैं इसलिए वह ऐसा चाहते हैं.
कोर्ट में याचिकाकर्ता तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की तरफ से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस रॉय के सवाल पर कहा कि यह भयावह बात है, लेकिन सही है. सिंघवी ने आगे कहा कि कांवड यात्रा कल शुरू नहीं हुई है, ये आजादी से भी पहले से चली आ रही है. उन्होंने आगे कहा, 'खाना बनाने वाले, परोसने वाले और फसल उगाने वाले गैर-अल्पसंख्यक हों? लॉर्डशिप ने सही संवैधानिक सवाल उठाया है.'
अभिषेक मनु सिंघवी ने आगे कहा कि कुछ लोग दुकान के मालिक के बारे में नहीं पूछते हैं, उनका ध्यान इस पर होता है कि क्या परोसा जा रहा है. इस पर बेंच के दूसरे जज जस्टिस एसवीएन भट्टी ने अपना अनुभव शेयर करते हुए बताया कि वह मुस्लिम रेस्टोरेंट पर खाना पसंद करते हैं. उन्होंने कहा, 'मैं आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूं. मैं शहर का नाम नहीं बताऊंगा, लेकिन वहां एक हिंदू रेस्टोरेंट था और दूसरा मुस्लिम, लेकिन मैं मुस्लिम रेस्टोरेंट पर खाता था क्योंकि वहां मुझे ज्यादा साफ-सफाई नजर आती थी.