Kanwar Yatra Nameplate Row: बिहार में भी नेमप्लेट लगाने की मांग, Pappu Yadav ने बताया 'हिटलर मॉडल'
कांवड़ यात्रा को लेकर पहले मुजफ्फरनगर पुलिस की तरफ से ये फरमान आया कि इस रूट पर पड़ने वाले सभी ठेले, रेहड़ी और ढाबे वाले जो खाने-पीने की चीजें बेच रहे हैं, वे अपनी पहचान बताएं और नाम प्रदर्शित करें. अब योगी सरकार की तरफ से ये फैसला पूरे राज्य में कांवड़ मार्ग पर लागू कर दिया गया. चूंकि ये प्रकरण अखबारों के माध्यम से, मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए भी प्रचारित-प्रसारित हो रहा है, इस पर चर्चा-परिचर्चा हो रही है. पिछले साल भी इस तरह की मांग उठी थी. जब योग साधना आश्रम के गुरु यशवीर महाराज ने हरिद्वार से पूरे मार्ग पर कई मुस्लिमों द्वारा अपनी दुकानों पर हिन्दू देवी देवताओं का तस्वीर लगाने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि इन दुकानों पर काम करने वाले लोगों को नाम लिखना चाहिए ताकि कांवड़ियों को पता लग सके कि वो कहां बैठकर खाना खा रहे हैं. इसके बाद कई ढाबों से हिन्दू देवी देवताओं की तस्वीरें भी हटवाई गई थीं, लेकिन इस बार सरकार ने सभी को नाम लिखने का आदेश जारी कर दिया है. बीजेपी नेताओं ने किया स्वागत दुकानों पर नेमप्लेट लिखने के आदेश का बीजेपी ने स्वागत किया है. यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा, निश्चित रूप से ये स्वागत योग्य कदम है. इस आदेश में यह नहीं कहा गया है कि किसे कहां से सामान खरीदना है. जो जहां से चाहे वहां से सामान खरीद सकता है. इसमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन जो व्रत, त्योहार, कांवड़ यात्रा के कुछ नियम हैं उनका उल्लंघन न हो. इसी नीयत से ये फ़ैसला लिया गया है.