Mahakumbh 2025: 32 साल से नहीं किया स्नान, महाकुंभ में पहुंचे संत ने बताई चौंकाने वाली वजह!
MahaKumbh 2025: प्रयागराज की संगम नगरी में महाकुंभ का हिस्सा बनने के लिए साधु-संतों का आना शुरू हो चुका है। इसी कड़ी में महाकुंभ की धरती पर सनातन का परचम लहराने के लिए दिगंबर नागा बाबा और खड़ेश्वर नागा बाबा भी पहुंच गए हैं। 2025 में महाकुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी हो रही है. इसका समापन 26 फरवरी को होगा. महाकुंभ की शुरुआत पौष पूर्णिमा स्नान के साथ होती है और महाशिवरात्रि के दिन अंतिम स्नान के साथ कुंभ पर्व की समाप्ति हो जाती है. यह मेला चार प्रमुख स्थानों – हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन में आयोजित किया जाता है. इनमें से नासिक और उज्जैन में हर साल कुंभ मेला लगता है, जबकि महाकुंभ बारह साल में एक बार इन चारों स्थानों पर बारी-बारी से होता है ज्योतिष वजह - पिछला महाकुंभ 2013 में प्रयागराज में हुआ था और अगला महाकुंभ 2025 में होने वाला है. महाकुंभ का आयोजन 12 साल में एक बार होता है, और इसके पीछे एक खगोलीय कारण है. ज्योतिष के अनुसार, महाकुंभ का आयोजन ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है, विशेषकर बृहस्पति और सूर्य की राशियों पर.