(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
NEET Paper Leak: नीट परीक्षा धांधली में EOU का एक्शन तेज, पूछताछ के लिए पहुंचे स्टूडेंट
ईओयू ने 12 अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है. उनके अभिभावकों को भी बुलाया है. पूछा जाएगा कि परीक्षा माफियाओं के पास इनके डॉक्यूमेंटस और अन्य जानकारी कैसे पहुंची? यह सभी अभ्यर्थी बिहार के अलग अलग जिलों के हैं कथित नीट पेपर लीक मामले में 13 आरोपियों को जेल भेजा गया था. जिसमें 6 परीक्षा माफियाओं, 4 अभ्यर्थियों और 3 अभिभावक थे. गिरफ्तार किए गए परीक्षा माफिया, अभ्यर्थियों से पूछताछ में 12 रोल कोड मिले हैं. एनटीए से ईओयू ने इन 12 रोल कोड से जुड़े परीक्षार्थियों के बारे में जानकारी काफी पहले मांगी थी. एनटीए ने 12 अभ्यर्थियों का डिटेल भेज दिया है. वहीं, जांच के दौरान कुछ प्रश्न पत्र जले हुए भी मिले हैं. एफएसएल जांच के लिए एनटीए से ईओयू ने मूल प्रश्नपत्र भी मांगा था, लेकिन अभी तक मूल प्रश्न पत्र एनटीए ने नहीं भेजा है. जहां हर साल एक या अधिकतम दो टॉपर निकलते हैं वहीं इस साल कुल 67 टॉपर हैं. इन सभी को परफेक्ट 720 अंक मिले हैं. इस बार के बहुत से नीट टॉपर्स एक ही सेटर से हैं. परीक्षा से पहले कई सेंटर पर पर्चा लीक होने की खबर भी आयी है. कुछ स्टूडेंट्स का कहना है कि खास सेंटर्स के स्टूडेंट्स को ही ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं जबकि पेपर लेट कई सेंटर्स पर हुए थे. दो स्टूडेंट्स ने जिनकी रैंक भी 68 और 69 आयी है ने 718 और 719 अंक पाए हैं. नीट की मार्किंग स्कीम के हिसाब से ये अंक संभव नहीं हैं. बिहार पुलिस ने नीट पेपर लीक मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार भी किया है. बिहार पुलिस ने यह भी जानकारी दी है कि पेपर लीक मामले को इकोनामिक ऑफेंसेस यूनिट में ट्रांसफर कर दिया गया है. क्या कहना है एनटीए का एनटीए का कहना है कि कुछ केंद्रों पर पेपर देर से बंट पाए थे और टाइम के नुकसान की भरपायी के लिए उन्होंने ग्रेस मार्क्स दिए हैं जिस वजह से कुछ कैंडिडेट्स के 718 और 719 अंक आए हैं. पेपर लीक के आरोपों को एनटीए ने पूरी तरह निराधार बताया है. एनटीए का ये भी कहना है कि ये इस मामले की जांच के लिए 4 सदस्यीय टीम गठित की गई है और ये मामला केवल 1600 स्टूडेंट्स का है नाकि 24 लाख कैंडिडेट्स का. परीक्षा में हुई धांधली को अब पॉलिटिकल रंग भी चढ़ने लगा है और कई पार्टियां इस बहस में कूद गई हैं. चारों तरफ से परीक्षा रद्द करके री-एग्जाम कराने की मांग उठ रही है. सबसे बड़ा सवाल परीक्षा रद्द करने का है.