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करनाल में किसानों और प्रशासन की बातचीत खत्म, 3 घंटे तक चली बैठक
किसान 28 अगस्त को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करनाल दौरे में लाठीचार्ज से नाराज़ हैं...उनकी सबसे बड़ी मांग है करनाल के तत्कालीन SDM आयुष सिन्हा को हटाने की...जिसे मानने के लिए हरियाणा सरकार तैयार नहीं है...दूसरी तरफ़ किसान भी डटे हुए हैं...कह रहे हैं कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती तब तक वो करनाल छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं...राकेश टिकैत के मुताबिक हम अपने कपड़े और खाने का समान मिनी सचिवालय करनाल पर ही मंगा रहे है, आराम से बात करेंगे इनसे, जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक रुकेंगे नहीं...यानी न तो सरकार पीछे हटने के लिए तैयार है, न ही किसान...तो क्या ऐसे में करनाल का मिनी सचिवालय दूसरा सिंघु बॉर्डर बन जाएगा...क्या दिल्ली के बाद करनाल बनेगा किसानों और सरकार के बीच घमासान का दूसरा केंद्र..
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