शिवसेना सावरकर को भूलेगी, कांग्रेस गोडसे को भूला बैठेगी ? देखिए ये रिपोर्ट
ABP News Bureau
Updated at:
15 Nov 2019 10:54 PM (IST)
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मुख्यमंत्री पद पाने के लिए शिवसेना ने NDA छोड़ा, बीजेपी का 30 साल पुराना साथ छोड़ा...अब कांग्रेस-एनसीपी कह रही है कि हिंदुत्व को भी छोड़ दो....और सूत्रों की मानें तो शिवसेना अपनी पहचान छोड़ने को तैयार भी हो गई है...अगर ऐसा हुआ तो शिवसेना के पास बचेगा क्या...क्या कुर्सी के लिए उद्धव, बाल ठाकरे की विरासत ही खत्म कर देंगे. आज बाल ठाकरे का वो जमाना याद आता है, जब महाराष्ट्र की सियासत मातोश्री से तय होती थी...पार्टी कोई भी हो, उसका नेता मातोश्री जाकर बाल ठाकरे का आशीर्वाद जरूर लेता था...आज हालत ये है कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने के लिए नेताओं के दरवाजे-दरवाजे जा रहे हैं.