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Public Interest: लॉटरी में नाम निकला फिर भी नहीं मिला स्कूल में एडमिशन..क्यों?
ABP News: गरीब बच्चे अच्छी शिक्षा पा सकें इसके लिए देश में राइट टू एजुकेशन कानून बनाया गया था..6 से 14 साल के बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिया गया। गरीब परिवारों के बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूलों में 25 फीसदी सीटें रिजर्व कर दी गईं पढ़ाई पूरी तरहर फ्री कर दी गयी। गरीबी का सर्टीफिकेट सरकार बनाती है। किसी स्कूल में किस बच्चे का दाखिला होगी इसकी लिस्ट भी सरकार ही निकालती है।लॉटरी से। स्कूलों को इसके बाद बस दाखिला देना होता है..15 साल से ये कानून देश में लागू है। लेकिन बढ़िया कानून और आसान एडमिशन प्रोसेस के बावजूद गरीब बच्चों के शिक्षा की कोई गारंटी नहीं है। क्योंकि नामी स्कूल RTE कानून को ठेंगे पर रखते हैं
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