Ram Mandir Ayodhya: कांग्रेस पर महंत सत्येंद्र दास का हमला, कहा, 'कांग्रेस में पागलपन और दिवालियापन'
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View In Appअयोध्या नगरी से तक़रीबन 10 किमी की दूरी पर है सरायपासी गाँव। इस गाँव की अधिकांश जनसंख्या राजपूतों की है और ये अपने आप को सुर्यवंशी कहते है। जब बाबर का सेनापति मीर बाक़ी ने रामलला के मंदिर को तोड़ कर जन्मस्थान पर मस्जिद का निर्माण प्रारंभ किया तो इस गाँव के लोगों ने बाबर की सेना से लोहा लिया और कई लोग शहीद हुये।इस गाँव के पुर्वजों ने कई बार मस्जिद को तोड़ने का प्रयास भी किया पर आख़िरकार वहाँ बाबरी मस्जिद का निर्माण हो गया। उसके बाद तक़रीबन 500 साल बाद पहले सरायरासी गाँव के क्षत्रिय यमाज ने ये प्रण लिया की जब तक रामलला अपने स्थान पर विराजमान नहीं हो जायेंगे तब तक इस गाँव का कोई भी क्षत्रिय ना तो सर पगड़ी धारण करेगा और ना ही धूप में छतरी धारण करेगा। और इस वचन को निभाते हुये इस गाँव के लोगों ने 500 सालों तक अपने सर पर पगड़ी नहीं बांधी।कोर्ट के फ़ैसले के बाद गाँव के कुछ लोगों ने पगड़ी बांधनी शुरू की तो कुछ लोग आज भी पगड़ी बांधने के लिये उस तारीख़ का इंतज़ार कर रहे हैं जब रामलला अपने भव्यमंदिर में विराजमान हो जायेंगे।