मोहन भागवत के बयान पर रामभद्राचार्य ने जताई नाराजगी
संघ प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान की जिसमें उन्होंने मस्जिदों और दरगाहों में मंदिर तलाशने वाली सोच पर आपत्ति जताई है... उन्होंने दो टूक लफ्जों में कहा, हर दिन नया मामला उठाने की इजाजत नहीं दी जा सकती... भागवत के इस बयान से ये सवाल उठने लगे हैं...आखिर उनकी नसीहत किसके लिए हैं? जगद्भगुरू रामभद्राचार्य ने कहा कि RSS हमारा नहीं हम आरएसएस के शासक है... ..तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर जगदगुरु रामभद्राचार्य ने सबसे ज़ोरदार विरोध किया उन्होंने कहा है कि मोहन भागवत का बयान अदूरदर्शी है और वो हमारे शासक नहीं हैं...जगदगुरु के जैसी भावना कई और संतों की भी है... तो ऐसे में ये मंदिर-मस्जिद का विवाद कैसे थमेगा...क्या मोहन भागवत के बयान पर हिंदू समाज में मतभेद है...क्या संघ प्रमुख के बयान से संत समाज निराश और नाराज़ है..आज इसी मुद्दे पर जगदगुरु रामभद्राचार्य से EXCLUSIVE बातचीत