Sambhal Clash: संभल हिंसा में हथियारों के प्रयोग पर आरोपी विधायक के बेटे का खुलासा! | UP Police
Sambhal Ground Report: उत्तर प्रदेश स्थित संभल के जामा मस्जिद में सर्वे के बाद गोलियों और पत्थरबाजी से सहमा इलाका अब अमन चैन की ओर है. शाही जामा मस्जिद के आसपास गलियों में 48 घंटे से ज्यादा बीत जाने के बाद भी सन्नाटा पसरा है. हालात नियंत्रण में है लेकिन किसी भी तरह की शंका और आशंकाओं से निपटने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. मस्जिद के आसपास की गलियों बाजारों में दुकानें अभी भी बंद है. हालांकि प्रशासन की तरफ से दुकान खोलने की मनाही नहीं है. हालांकि शनिवार को जो हुआ, जिस तरीके से पत्थरबाजी हुई, गोलियां चलीं. लोगों के मन में एक डर और दहशत अभी भी है. पुलिस मस्जिद के आसपास के इलाकों में पैट्रोलिंग कर रही है. साथ ही सीसीटीवी और ड्रोन के जरिये मिली हिंसा कि फुटेज की पड़ताल कर रही है जिससे इस घटना के पीछे की पूरी साजिश सामने आ सके. तुर्क-पठान की नई कहानी! शायद यही वजह है कि लोगों ने अपनी दुकानें बंद कर रखी हैं. लोग खुद अपनी दुकानें खोल नहीं रहे हैं. जामा मस्जिद के आसपास जाने वाले रास्तों पर पुलिस तैनात है. वहीं पुलिस की अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि कुछ नेताओं ने लोगों को भड़काया और बरगलाया था. उधर, भारतीय जनता पार्टी के नेता और योगी सरकार में मंत्री नितिन अग्रवाल ने इस मामले में नया मोड़ दे दिया है. उन्होंने दावा किया है कि यह लड़ाई तुर्क और पठानों के बीच वर्चस्व की है. इसमें स्थानीय विधायक और सांसद शामिल हैं. दोनों के अपने-अपने गुट हैं. वहीं सपा नेता उदयवीर सिंह और कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. मसूद ने कहा कि यह लड़ाई मुस्लिम बनाम पुलिस की है. पुलिस ने गोली मारी है. इसके फुटेज हैं. सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि सब मनगढ़न्त कहानी है कोई जातीय संघर्ष नहीं है.