Sambhal Masjid Clash : संभल में हिंसा के बाद जुमे की नमाज को लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट
उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी है. पुलिस ने अब तक मोबाइल, सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से मिले वीडियो में 100 से ज्यादा पत्थरबाजों की पहचान की हुई है. इनमें से 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें कुछ नाबालिग लड़के भी शामिल हैं. पुलिस हिंसा को लेकर कई एंगल और सवालों को ध्यान में रखकर अपनी जांच आगे बढ़ा रही है. एसपी कृष्ण कुमार ने साफ कहा कि जिसने भी पुलिस पर पत्थर उठाया है उसे जेल ज़रूर भेजा जाएगा. किसी भी निर्दोष के खिलाफ एक्शन नहीं होगा. पुलिस कई सवालों को ध्यान में रखकर जांच को आगे बढ़ा रही है. इन सवालों के एंगल से हो रही जांच पहला- पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि हिंसा वाले दिन जामा मस्जिद के आसपास भीड़ किस के कहने पर इकट्ठा हुई थी? दूसरा- मौके पर मौजूद भीड़ को हिंसा के लिए किसने उकसाया? पुलिस इसकी जांच के लिए आसपास के इलाकों में मोबाइल डेटा की जानकारी इकट्ठा करने में लगी है ताकि ये पता लगाया जा सके कि हिंसा के समय कितने मोबाइल नंबर एक्टिवेट थे और उनके डेटा और डंप डेटा को भी पुलिस इक्कठा कर रही है जो पुलिस जांच का अहम हिस्सा है. तीसरा- संभल पुलिस हिंसा के दौरान दंगाइयों द्वारा तोड़े गए CCTV कैमरों के DVR जप्त कर उनकी फुटेज रिकवर कर रही है. ताकि दंगाइयों की पहचान हो सके. चौथा- संभल पुलिस ने अभी तक 27 मोबाइल फोन को फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजे है ताकि इन फोन में से डिलीट डेटा को रिकवर कर ये पता लगाया जा सके कि हिंसा से पहले क्या दंगों की प्लानिंग पहले से की गई थी. पांचवां- संभल पुलिस ने कुछ सोशल मीडिया हैंडल को आइडेंटिफाई किया है, कुछ व्हाट्सएप चैट और ग्रुप्स का भी पता चला है जिसमें मस्जिद पर इकट्ठा होने के लिए कहा गया है. अब पुलिस इन सोशल मीडिया हैंडल के द्वारा पोस्ट की गई वीडियो मैसेज की जाँच कर रही है. छठा- संभल पुलिस ने हिंसा के समय सीसीटीवी कैमरों, मोबाइल वीडियो और ड्रोन कैमरे की फुटेज को खंगालने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई है ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके.