Sengol Controversy: 'एंकर को धर्म के नाम पर अपमानित की कोशिश'- वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष को सुनिए
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View In Appपहले संविधान, फिर आपातकाल और अब सेंगोल...वही सेंगोल जिसे पिछले साल 28 मई को नए संसद भवन में स्थापित किया गया था.पीएम मोदी ने जिसको साष्टांग प्रणाम किया था...जिसको लेकर पिछले साल भी विवाद हुए थे...अब एक बार फिर सेंगोल विवाद में है...विवाद की वजह है समाजवादी पार्टी के दलित सांसद आर के चौधरी की तरफ से लोकसभा स्पीकर को लिखी गई एक चिट्ठी.अपनी चिट्ठी में आर के चौधरी ने लिखा है कि सदन में स्पीकर की कुर्सी के ठीक दाहिने स्थापित सेंगोल देखकर मैं आश्चर्यचकित रह गया. हमारा संविधान भारतीय लोकतंत्र का एक पवित्र ग्रंथ है जबकि सेंगोल अर्थात राजदंड राजतंत्र का प्रतीक है. हमारी संसद लोकतंत्र का मंदिर है किसी राजे-रजवाड़े का राजमहल नहीं. अत: मैं आग्रह करना चाहूंगा कि संसद भवन से सेंगोल हटाकर उसकी जगह भारतीय संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित की जाए.