Republic Day Special: पद्म सम्मान पाने वाले Javed Ahmad Tak की हौसले से भरी कहानी | India Heroes
ABP News Bureau
Updated at:
26 Jan 2020 09:57 PM (IST)
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श्रीनगर के जावेद टाक एक ऐसी मिसाल हैं जो जन्म से दिव्यांग बच्चों को पढ़ाकर उन्हें नई जिंदगी दे रहे हैं लेकिन वो खुद भी दिव्यांग हो चुके हैं, क्योंकि एक आतंकी हमले में वो अपने चलने फिरने की ताकत खो चुके हैं. 1997 में जावेद के चाचा पर आतंकियों ने हमला किया. इस हमले में जावेद के चाचा की तो मौत हो गई लेकिन जावेद की रीढ़ की हड्डी में गोली लगी. अस्पताल में जब जावेद को होश आया तब पता चला कि अब वो कभी चल नहीं पायेंगे.