LGBTQ: 2018 में Supreme Court ने खत्म किया था 157 साल पुराना Section 377 | India का Bioscope
वैसे तो sexual freedom को लेकर हमेशा ही बहस होती रही है...लेकिन 2018 में Supreme court ने एक ऐसा फैसला सुनाया जो देश की LGBTQ community के लिए एक सुकून लेकर आया ....LGBTQ यानी lesbian, gay, bisexual, transgender and queer.....SUPREME COURT ने 157-year-old law SECTION 377 को हटा दिया , जिसके तहत Unnatural sex crime है ....इसमें जुर्माने से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती थी.....Justice deepak mishra की अध्यक्षता वाली Supreme court की पांच judges की बेंच ने 6 sept 2018 को ये फैसला सुनाया जिसमें कहा कि धारा 377 संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत प्राप्त समानता के अधिकार को सीधी चुनौती दे रहा था। संविधान पीठ के बाकी सदस्यों में न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा शामिल थे।