Kargil के अमर शहीदों की अमिट गाथा | शौर्यगाथा | ABP News
एबीपी न्यूज वेब डेस्क
Updated at:
27 Jul 2024 11:35 PM (IST)
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View In Appवो 20वीं सदी की आखिरी जंग थी...उस जंग में जीत अंसभव थी...पहली बार पाकिस्तान....मजबूत पोजिशन में था...लेकिन मां भारती के परमवीरों ने गजब कर दिया.
पहाड़ की छाती पर चढ़कर पाकिस्तान को रौंद दिया..वो जंग...जिसे याद करके आज भी घबरा जाता है पाकिस्तान..
वो जंग जिसका एक एक अध्याय....शूरवीरों के शौर्य का उद्घोष है.
22 फ़रवरी 1999 को भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लाहौर डिक्लेरेशन पर साइन करने वाले थे..लेकिन उसके 5 हफ़्ते पहले ही पाकिस्तानी सेना के चीफ़ ने आतंकियों और isi के साथ मिलकर कारगिल की जंग का पहला gate खोल दिया. भारत के ख़िलाफ़ जनरल ने बहुत बड़ी साज़िश रची..उस जनरल का नाम था परवेज़ मुशर्रफ और उस साज़िश का नाम था ऑपरेशन कोह ए पाइमा.