UP Madarsa Act: मदरसों पर चर्चा के बीच चित्रा त्रिपाठी और AIMIM प्रवक्ता में हुई तीखी बहस! | ABP News
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View In Appउत्तर प्रदेश में मदरसे को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला आ गया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यूपी में मदरसा एक्ट को बरकरार रखने के पक्ष में फैसला सुनाया है. वहीं अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर यूपी के मौलाना ने प्रतिक्रिया दी है. ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया है. मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मदरसों को लेकर जो फैसला सुनाया था. उससे मदरसा में पढ़ने वाले लाखों छात्रों में मायूसी थी. उम्मीद की सिर्फ एक ही किरण बाकी थी कि सुप्रीम कोर्ट जाया जाए. मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा है कि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मदरसों में बच्चों की तालीम में भी सुधार होगा. पूरा मुस्लिम जगत सुप्रीम कोर्ट के जजों को सलाम पेश करता है. कोर्ट के फैसले से मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे और उनके अभिभावकों में खुशी की लहर है. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई है. सर्वोच्च न्यायालय ने यूपी मदरसा एक्स को संवैधानिक बताया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का यूपी के 16000 से अधिक मदरसों में पढ़ने वाले 17 लाख छात्रों को फायदा होगा. 'मदरसों ने जिहादत को खत्म करने का काम किया' सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सुफियान निजामी दारुल उलूम ईदगाह के प्रवक्ता का बयान आया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का फैसले को निहैती खुशहाली का फैसला बताया है. मदरसों में पढ़ने वाले व तमाम हजरात संवैधानिक हक के लिए सुप्रीम कोर्ट में मदरसा एक्ट के लिए मजबूत पैरवी कर रहे थे. उन तमाम हजरात को मुबारकबाद देता हूं. कहा कि, मदरसों ने इस मुल्क में हमेशा तालीम को देने और जिहादत के खात्मे के लिए काम किया है. कुछ समय से ये माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है कि मदरसों को बदनाम किया जाए. मदरसों के तालीमी निज़ाम को दरहम-बरहम करने की कोशिश की जाए. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों में खुशी है, और वे अब तालीम के मैदान में अपने काम को बाखूबी अंजाम देंगे.