संसद में चर्चा से कौन भाग रहा? Chitra Tripathi के साथ सबसे बड़ी बहस
क्या संसद बहस की जगह हंगामे का मंच बन गई है? शीतकालीन सत्र में संसद के काम-काज को देखें तो ऐसा ही लगता है...शीत सत्र में अभी तक के आंकड़ों के अनुसार सिर्फ़ 30 प्रतिशत से थोड़ा ज़्यादा काम-काज हुआ है...जो संसद रोज कम-से-कम 6 घंटे के लिए बैठनी चाहिए वहां 2 घंटे से भी कम काम हो रहा है. और इन सबके बीच जनता के 100 करोड़ रुपये से ज़्यादा स्वाहा हो चुके हैं...आज भी राज्यसभा में काम-काज के नाम पर सिर्फ़ हंगामा हुआ...सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने ज़ोरदार एतराज़ जताया...साथ ही नड्डा ने जॉर्ज सोरोस का मुद्दा भी उठाया. सिर्फ़ नड्डा ही नहीं बल्कि बीजेपी के दूसरे नेता भी सोरोस के मुद्दे को लेकर बेहद आक्रामक हैं...केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आज संसद परिसर में जॉर्ज सोरोस और सोनिया गांधी के पोस्टर लहराए...बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस ने सोरोस के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए सभापति के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. वहीं अदाणी मुद्दे को लेकर INDIA गठबंधन का पूरी तरह से साथ नहीं मिलने के बावजूद कांग्रेस सरकार के ख़िलाफ़ आक्रामक है...आज भी कांग्रेस ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया. इन सबके बीच सवाल ये कि संसद में चर्चा से कौन भाग रहा है? कौन देश के मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहता है? संसद में पोस्टर युद्ध कब तक...क्या अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सभापति का अपमान है? सोरोस और सोनिया के संबंधों के आरोप कितने ठोस हैं?