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नींबू महंगा होने के बाद भी किसान क्यों हैं दुखी सुनिए असली वजह
देश में मंहगाई की चर्चा इन दिनों हर कोई कर रहा है. लेकिन इस चर्चा में नींबू ने अपनी जो जगह बनाई है, उसने महंगाई की मार को गर्म कर दिया है. चाय और कॉफी को महंगा समझने वाले लोग नींबू पानी का सस्ता रास्ता अपनाते थे, लेकिन अब चाय कॉफी नींबू से सस्ता दिखाई दे रहा है. 1 रुपए का एक नींबू बस यही चर्चा है,. इस लिए हमने आज हमने तय किया की नींबू के उत्पादन से लेकर बाजार पहुंचने की प्रक्रिया को पहले खुद जानेंगे उसके बाद विशेषज्ञों से बात कर अपको बताएंगे. ये है देवेंद्र चंद्रकर छत्तीसगढ़ के युवा किसान चंद्राकर जी 20 एकड़ में नींबू की खेती करते है. महासमुंद जिले में कुल 200 एकड़ में नींबू की खेती होती है. नींबू खरीदने वाला महंगाई की मार झेल रहा है, लेकिन नींबू का उत्पादन करने वाला अभी भी दुखी है. देवेंद्र चंद्राकर की माने तो नींबू के उत्पादन में इस बार कमी आई है. उसकी वजह ज्यादा बारिश है. देवेंद्र कहते है पेड़ में फूल आने के समय ज्यादा बारिश से नींबू के उत्पादन पर असर पड़ता है. इससे फूल झड़ जाते है. इस बार छत्तीसगढ़ में नींबू के पेड़ में फूल आने के समय बारिश हुई इससे नुकसान हुआ है. वहीं बीते दो साल से कोरोना के चलते नींबू के किसान परेशान थे. इस लिए बहुत से किसान ने फसल उजाड़ दिया. इस लिए उनको नींबू की खेती में घाटे का सौदा होता है.किसान देवेंद्र चंद्राकर कहते है एक एकड़ नींबू लगाने में लगभग 1 लाख रुपए खर्च होते है. अगर सही दाम मिले तो ढ़ाई से 3 लाख रुपए केवल किसान को मुनाफा होता है. लेकिन बाजार में भले ही नींबू की कितन बढ़ी हो पर किसान अभी बाजार में नींबू 15 से 20 रुपए प्रति किलो से बेच रहा है
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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