हनुमान जी अचानक राजनीति के फोकस में क्यों आ गए ?
महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा के विवाद की शुरूआक तब हुई जब MNS के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मस्जिदों से लाउड स्पीकर से होने वाली अजान के जवाब में हनुमान चालीसा शुरू करने की बात की.. इसके बाद इस विवाद में निर्दलीय सांसद नवनीत राणा की एंट्री हुई, जिन्होंने उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की बात कही... इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने नवनीत राणा और उनके पति को गिरफ्तार कर लिया.. दोनों पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया है.. और उन्हें जेल भी भेज दिया गया है... लोकसभा सचिवालय ने सांसद नवनीत राणा की शिकायत पर 24 घंटे में महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है. नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखकर पुलिस स्टेशन में हुए दुर्व्यवहार की शिकायत की थी. उधर बॉम्बे हाई कोर्ट ने राणा दंपति की जमानत याचिका खारिज कर दी.हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि किसी के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ना व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन है. हाईकोर्ट की तरफ से कहा गया है कि बड़ा पद बड़ी जिम्मेदारी के साथ आता है. कुल मिलाकर हनुमान चालीसा के इस विवाद पर हंगामा मचा हुआ है... पर सवाल ये है कि हनुमान जी अचानक से राजनीति के फोकस में क्यों आ गए... क्या श्रीराम के साथ राजनीति के प्रयोगों के बाद अब हनुमान जी की बारी है ? रिपोर्ट देखिए...