राजद्रोह कानून क्यों बना राजनीतिक हथियार। GHANTI BAJAO
ABP News Bureau
Updated at:
26 Apr 2022 12:03 AM (IST)
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View In Appराजद्रोह का कानून जो मानो लगता है राजनीतिक उत्पीड़न का औजार बन गया हो. वरना क्या वजह है कि साल 2014 से 2020 तक जिन लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ उनमें से सिर्फ ढाई प्रतिशत लोगों के खिलाफ ही आरोप साबित हो पाए. नया मामला नवनीत राणा का है. जो उद्द्वव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ना चाहती थीं लेकिन राजद्रोह के आरोप में जेल चली गईं. हमारी ये मुकम्मल रिपोर्ट देखिए