क्या उद्धव सरकार के खिलाफ उठने वाली हर विरोधी आवाज पर लगेगा राजद्रोह ?
अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को बॉम्बे हाई कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने राणा दंपत्ति की याचिका को खारिज कर दिया है. नवनीत राणा और रवि राणा के ख़िलाफ़ दर्ज दूसरी FIR को रद्द करने के लिए याचिका दायर की गई थी. दोनों के ख़िलाफ़ जो दूसरी FIR हुई थी वो IPC की धारा 353 के तहत दर्ज हुई थी, इसका मतलब सरकारी कामकाज में अड़चन डालना है. इस याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.
कोर्ट में सरकारी वकील प्रदीप घरत और राणा दंपत्ति के वकील रिजवान मर्चेंट के बीच लंबी बहस चली. रिज़वान मर्चेंट ने गिरफ्तारी की पूरी बात कोर्ट के सामने रखी. उन्होंने कहा कि दोनों को 22 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. उस समय एक महिला अधिकारी ने बताया था कि उसे उसके काम करने नहीं दिया गया और ये दूसरी FIR 2 बजे रात में दर्ज की गई. रिजवान मर्चेंट ने कहा, ये धारा पहली FIR में क्यों नहीं जोड़ी गई. उसके लिए दूसरी FIR दर्ज करने की क्या ज़रूरत है.नअगर आपने पहली FIR में IPC की धारा 124 (a) जोड़ी तो IPC की धारा 353 भी जोड़ सकते थे