Jabalpur में बिना इलाज के 'बच्चा' नहीं बल्कि सिस्टम मरा है
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View In Appये मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले की तस्वीरें हैं, जहां एक 5 साल के बच्चे ने इलाज नहीं मिलने की वजह से दम तोड़ दिया.. हमें आजाद हुए 75 साल हो गए हैं, इसीलिए देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है... लेकिन 75 सालों के बाद भी बिना इलाज के बच्चे दम तोड़ रहे हैं.. बच्चे को गोद में लिए हुए मां तड़प रही है, रो रही है, इस व्यवस्था से कुछ सवाल पूछ रही है... इस बच्चे की जान बच सकती थी, अगर डॉक्टर टाइम पर अस्पताल में आ गए होते तो... बुधवार की सुबह इस छोटे से बच्चे ऋषि को अस्पताल लाया गया था, लेकिन हॉस्पिटल में कोई डॉक्टर नहीं था.... घरवालों ने घंटों इंतजार किया...दोपहर के 12 बज गए, बच्चे की तबीयत बिगड़ती जा रही थी.... डॉक्टर साहब सुबह साढ़े 10 के बजाए दोपहर में 12 बजे आए... लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और इस बच्चे ने दम तोड़ दिया... अब वही जांच, कमेटी कार्रवाई जैसी बातें हो रही हैं... लेकिन इस सवाल का जवाब कौन देगा कि हम इस मासूम बच्चे ऋषि को क्यों नहीं बचा पाए ? क्या ऋषि इस 21वीं सदी में इसलिए पैदा हुआ था कि एक दिन बिना इलाज के ऐसे तड़प तड़प कर मर जाएगा.. ये सवाल बहुत तीखे हैं... लेकिन आज इन सवालों पर बात करनी जरूरी है.. इसीलिए हमने शुरुआत में ही आपसे कहा था कि इस खबर को एक मां और एक पिता की नजर से देखिए... यहां क्या कार्रवाई हुई... क्या किसी बड़े अधिकारी पर कोई एक्शन हुआ, क्या किसी ने जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया... यहां ऐसा बिल्कुल नहीं होगा... बल्कि अब तो ये साबित करने की कोशिश हो रही है कि बच्चा तो मरा हुआ ही अस्पताल में आया था.. ये बेशर्मी की हद है...