अफवाहों पर चुप्पी तोड़ी शंकराचार्य ने Dharma Live
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View In Appअफवाहों पर चुप्पी तोड़ी शंकराचार्य ने Dharma Live ज्योतिर्मठ के वर्तमान जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती महाराज सनातनी दृष्टिकोण से समस्त विश्व में भारत की भूमि सबसे अधिक पवित्र मानी जाती है। इसी भूमि पर समय-समय पर अनेक भगवदवतार हुए हैं। भगवान् नारायण से आरम्भ होने वाली गुरु-परम्परा में भगवत्पाद आद्य शंकराचार्य जी संवत् २०२० से २५३० वर्ष पूर्व अवतरित हुए और उन्होंने भारत को एकता के सूत्र में निबद्ध किया। भारत की चार दिशाओं में चार वेदों के आधार पर चार आम्नाय पीठों की स्थापना कर देश की धार्मिक व साँस्कृतिक सीमा को सुदृढ बनाया। इन्हीं चार पीठों में से अन्यतम उत्तराम्नाय ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम हिमालय के वर्तमान जगद्गुरु शंकराचार्य परमाराध्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती'१००८' आज सनातन संजीवनी के रूप में हम सबको प्राप्त हैं। 'परमाराध्य' स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती'१००८'; यह एक ऐसा नाम है जिनका जीवन एक आदर्श के रूप में पूरे विश्व के सामने है। जिस प्रकार सूर्य को छिपाकर नहीं रखा जा सकता।