Abdullah Azam Khan को विधायकी से भी धोना पड़ सकता है हाथ, क्योंकि....
सपा नेता और पूर्व मंत्री आजम खान के बाद अब उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला की विधायकी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट से दो साल की सजा मिलने के बाद विधायकी रद्द करने की मांग उठने लगी है. रामपुर से भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने प्रमुख सचिव विधानसभा को पत्र लिखकर स्वार सीट को रिक्त घोषित करने की मांग रखी है. दरअसल मुरादाबाद के छजलैट थाने में साल 2008 के एक केस में आजम और अब्दुल्ला को दो दो साल की सजा सुनाई गई थी. हालांकि उन्हें जमानत तो मिल गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार विधायकी पर संकट के बादल हैं. इसी को लेकर आकाश सक्सेना ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत विधानसभा सदस्यता समाप्त करने की मांग रखी है. लेकिन घटना के वक्त अब्दुल्ला के नाबालिग रहने की वजह से उन्हें हाईकोर्ट से राहत मिल सकती है. जबकि अगर उससे पहले विधानसभा से उनकी सदस्यता समाप्त होती है तो उनके सामने मुश्किल खड़ी हो सकती है.