Pauri के Bakool Rawat से थर-थर कांपते थे दुश्मन सैनिक, कई दुश्मनों के किए थे सर कलम | ABP Ganga
स्वतंत्रता दिवस के जश्न पर वीर सैनिको की वो वीर गाथायें आज भी हर देशवासी का सर सान से उंचा कर देते हैं जिन्होने देश की सुरक्षा का जिम्मा अपने कंधों पर लेकर देश की आन बान सान को बनाये रखकर देश की तरफ नजर उठाने वाले उन घुषपैठियों के मनसूबों पर पानी फेर दिया जो नाकायाब कोशिसों को करने की जहमत उठा रहे थे आजादी के इस जश्न पर आज हम आपको ऐसे में वीर सैनिक की गाथा सुनायेंगे जिन्होने कारगिल युद्ध में हिस्सा लिया और दुश्मनों को धूल चटाते हुए उनके सर तक कलम कर मातृभूमि के चरणों में रख डाले और हर आतंकियों को ये अहसास कराया कि देश की तरफ नजरें उठायी तो सर कलाम करने में वीर सपूत कोई कसर नहीं छोडेंगे ऐसे ही वीर सपूत हैं पौड़ी के बकूल रावत जो कि 1994 में सेना का हिस्सा बने और 18 गढवाल राईफल में रहकर 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के उन घुसपैठियों को धूल चटा दी