Jamiat Ulema-e-Hind के सम्मेलन में क्यों भावुक हुए Maulana Mahmood Madani ?
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View In Appसहारनपुर के देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद का सम्मेलन चल रहा है... दो दिवसीय सम्मेलन में आज मुसलमानों को लेकर तीन प्रस्ताव पारित किए गए... जिसमें इस्लामोफोबिया से लेकर विधि आयोग की 267वीं रिपोर्ट की सिफारिशों पर एक्शन लिया गया... जो तीन प्रस्ताव पास हुए हैं, उनमें साल 2017 में प्रकाशित ला कमीशन की 267वीं रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि हिंसा पर उकसाने वालों को सजा दिलाने के लिए अलग कानून बनाया जाए। इस पर तुरंत कदम उठाया जाए। इसके अलावा सभी धर्मों के बीच आपसी सद्भाव का संदेश देने के लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर से 'इस्लामोफोबिया की रोकथाम का अंतरराष्ट्रीय दिवस' हर साल 14 मार्च को मनाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगी है... वहीं भारतीय मुसलमानों के लिए न्याय और अधिकारिता पहल नाम से एक स्थायी विभाग बनाया गया है... जिसका मकसद नाइंसाफी को रोकने की रणनीति विकसित करना है। आपको बता दें कि जमीयत उलमा-ए-हिंद के कार्यक्रम में 25 राज्यों से लोग आए हैं। इसमें करीब 1500 जमीयत के मेंबर हैं, जबकि कुल मौजूदगी 2 हजार से ज्यादा बताई जा रही है।