Lucknow Building Collapse : बिल्डर ने कानून तोड़ा, अफसरों ने कानून टूटने क्यों दिया ? | UP News
जब वसंत ने अपनी दस्तक दी हो...तभी अगर किसी हंसते-खेलते परिवार में पतझड़ का मौसम शुरू हो जाए..तो ये बात किसी को भी चुभेगी। लखनऊ में ऐसा ही हुआ। जहां कई परिवार...5 मिनट के भीतर...मलबे में दब गए। इनके लिए मुसीबतों का ऐसा दौर शुरू हो गया..जिसके बारे में किसी ने नहीं सोचा था। कल्पना में भी ये किसी ने नहीं सोचा था..कि कभी ऐसे भी दिन देखने को मिलेंगे। किसी ने पाई-पाई की कमाई से सपनों का घर खरीदा था...तो किसी के पास यही अकेली संपत्ति थी। इनके लिए ना सिर्फ सपना टूटा..बल्कि बहुत कुछ खत्म हो गया। इसलिए मैं बार-बार कह रहा हूं कि भ्रष्टाचार के इस मर्ज का इलाज समय रहते जरूरी है..जिससे ऐसे हादसे फिर ना हों..। और इस पर तभी लगाम लगाई जा सकती है जब अफसरों- सियासतदानों और अपराधियों के भ्रष्ट गठजोड़ पर हथौड़ा चले।





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