अयोध्या का 'मंगल'! निकल गया जन्मभूमि विवाद का हल!
nancyb
Updated at:
24 Sep 2019 04:45 PM (IST)
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अयोध्या का मंगल, कैसे ये आज हम आपको बताएंगे. दरअसल, सोमवार को यानि 29वें दिन बहस करते हुए सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने ये मान लिया कि विवादित स्थल पर ही भगवान श्रीराम का जन्म हुआ और हिंदू पक्ष का अधिकार है, यानि विवादित स्थल के बाहरी अहाते यानी राम चबूतरे पर मंदिर था और वहां पूजा होती थी. हांलाकि, मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन का कहना है कि सिर्फ राम चबूतरे पर ही उनका अधिकार है. इस बात से भी कतई इनकार नहीं किया जा सकता है कि 1528 में पौने पांच सौ साल पहले मस्जिद बनाई थी और 22 दिसंबर 1949 तक लगातार नमाज हुई. तब तक वहां अंदर कोई मूर्ति नहीं थी. एक बार मस्जिद हो गई, तो हमेशा मस्जिद ही रहेगी. धवन ने ये भी कहा कि अगर भगवान राम और अल्लाह का सम्मान नहीं किया जाता, तो यह महान देश विभाजित हो जाएगा. दरअसल, सुनवाई के दौरान पेश किए गए हिंदू मुस्लिम गवाहों ने विवादित जमीन के अलग-अलग हिस्सों पर हिंदू आस्था का जिक्र किया. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भगवान राम के जन्म स्थान के तौर पर अयोध्या के संबंध में हिंदुओं की आस्था पर सवाल उठाना मुश्किल होगा, क्योंकि कुछ मुस्लिम गवाहों ने भी इसे हिंदुओं के लिए उतना ही पवित्र बताया है, जितना उनके लिए मक्का है. इस हफ्ते मुस्लिम पक्ष की सुनवाई पूरी हो जाएगी.