Mukhtar Ansari को बांदा जेल में रखना खतरे से खाली नहीं, हो सकती है बड़ी चूक!
ABP Ganga
Updated at:
01 Jan 1970 05:30 AM (IST)
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बाहुबली मुख्तार अंसारी को ज्यादा दिनों तक बांदा जेल में नहीं रखा जाएगा. जेल और पुलिस के बड़े अफसर सुरक्षा कारणों से मुख्तार को बांदा जेल में रखने के पक्ष में नहीं हैं. अफसरों की टीम ने बांदा जेल के मुआयने के बाद शासन से मुख्तार को यहां की जेल में नहीं रखने की सिफारिश की है. दरअसल, बांदा जेल में कोई हाई सिक्योरिटी बैरक नहीं है. जेल में अभी भी कोई स्पेशल बैरक नहीं है. बांदा जेल में वर्तमान में क्षमता से दो गुना ज्यादा कैदी बंद हैं. इतना ही नहीं, बांदा जेल में गंभीर बीमारी वाले कैदियों के इलाज के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स और अस्पताल भी नहीं है. जेल की बाहरी सुरक्षा व्यवस्था भी बहुत भरोसे लायक नहीं है.
वरिष्ठ अधिकारियों की टीम मुख्तार को कतई बांदा जेल में रखे जाने के पक्ष में नहीं है. अफसरों की राय है कि बांदा जेल में लाए जाने के बाद मुख्तार को किसी सेंट्रल जेल में ही रखा जाए. इनसब के बीच मुख्तार को लाने के मद्देनजर बांदा जेल में कई व्यवस्थाओं में बदलाव कराया गया है. सीसीटीवी कैमरों को चेक किया गया. वहीं, इस बार बैरक नंबर-15 में मुख्तार को नहीं रखा जाएगा. पिछली बार मुख्तार को इसी बैरक में रखा गया था. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, मुख्तार को सबसे पहले बांदा जेल ही लाया जाना है. आगे किस जेल में रखा जाना है, इसका फैसला प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट को करना है.
वरिष्ठ अधिकारियों की टीम मुख्तार को कतई बांदा जेल में रखे जाने के पक्ष में नहीं है. अफसरों की राय है कि बांदा जेल में लाए जाने के बाद मुख्तार को किसी सेंट्रल जेल में ही रखा जाए. इनसब के बीच मुख्तार को लाने के मद्देनजर बांदा जेल में कई व्यवस्थाओं में बदलाव कराया गया है. सीसीटीवी कैमरों को चेक किया गया. वहीं, इस बार बैरक नंबर-15 में मुख्तार को नहीं रखा जाएगा. पिछली बार मुख्तार को इसी बैरक में रखा गया था. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, मुख्तार को सबसे पहले बांदा जेल ही लाया जाना है. आगे किस जेल में रखा जाना है, इसका फैसला प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट को करना है.