Akhilesh के एक फैसले ने UP MLC Chunav को बना दिया रोचक | CM Yogi | ABP Ganga
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Updated at:
13 Jan 2021 10:09 PM (IST)
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यूपी विधान परिषद चुनावों को लेकर घमासान शुरू हो चुका है. यूपी की 12 विधान परिषद सीटों के लिए चुनाव होने हैं. 28 जनवरी को इसके लिए वोटिंग होनी है और समाजवादी पार्टी ने चुनाव के लिए अपने दो उम्मीदवारों के नाम भी घोषित कर दिए हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एमएलसी चुनाव के लिए अहमद हसन और राजेंद्र चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है. बता दें कि 13 और 14 जनवरी को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सभी विधायकों से लखनऊ में रहने के लिए कहा है और आज ही उन्होंने अपने 2 एमएलसी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. इस चुनाव में पेंच ये दिख रहा है कि संख्याबल पर गौर करें तो सपा को सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल हो सकती है. बावजूद इसके समाजवादी पार्टी ने 2 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करके इस लड़ाई को रोचक बना दिया है. आपको बता दें कि अहमद हसन और राजेंद्र चौधरी दोनों ही नाम समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं में शुमार होते हैं. राजेंद्र चौधरी पिछले करीब 40 साल से मुलायम सिंह यादव से जुड़े हैं. चौधरी चरण सिंह ने उन्हें 1974 में गाजियाबाद से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वो चुनाव हार गए थे. हलांकि 1977 में वो उसी सीट से जीत दर्ज करके लखनऊ पहुंचे. इस दौरान मुलायम सिंह यादव सहकारिता मंत्री थे. कुछ दिन की नाराजगी छोड़ दें तो राजेंद्र चौधरी और मुलायम सिंह यादव का रिश्ता अटूट रहा. लोकदल का बंटवारा हुआ तो ज्यादातर जाट नेता अजित सिंह के साथ चले गए, लेकिन राजेंद्र चौधरी ने मुलायम सिंह यादव का साथ नहीं छोड़ा. 2012 में जब अखिलेश यादव सूबे के सीएम बने, तो भी राजेंद्र चौधरी उनके साथ साए की तरह दिखते रहे. लंबे वक्त तक राजेंद्र चौधरी ने सपा के प्रवक्ता के तौर पर काम किया. वहीं, अहमद हसन अखिलेश यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे. साथ ही, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष भी रहे.अहमद हसन को अखिलेश यादव के करीबी नेताओं में गिना जाता है. अहमद हसन का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है. जिसके बाद एक बार फिर से सपा ने उन्हें अपना एमएलसी उम्मीदवार बनाया है.