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किसान Vs सरकार: Kisan Andolan की काट कैसे बनेगा BJP का किसान सम्मेलन?| ABPGanga
किसान आंदोलन का आज 21वां दिन है. किसान संगठनों का दावा है कि इस आंदोलन के दौरान अबतक 13-14 किसानों की मौत हो चुकी है. उन्होंने बताया कि
20 दिसंबर को श्रद्धांजलि सभा होगी. उनका आरोप है कि सरकार ने किसानों की एकता को तोड़ने की कोशिश की है, लेकिन वो अपनी कोशिश में नाकाम रही है.
गौरतलब है कि किसानों का आंदोलन और तेज होता जा रहा है. अब खबर आ रही है कि पश्चिमी यूपी की खाप पंचायत चौधरी भी किसान आंदोलन को समर्थन करने जा रही है. 17 दिसंबर को कृषि कानून के विरोध में खाप पंचायत चौधरी के सदस्य भी यूपी गेट पर किसानों के समर्थन में बैठेंगे. एक तरफ किसान आंदोलन चल रहा है, तो दूसरी तरफ बीजेपी किसान सम्मेलन आयोजित कर रही है. जिसका आज तीसरा दिन है. यूपी में आज एक साथ चार जगहों पर बीजेपी किसान सम्मेलन करने वाली है. जिसमें यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर, कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या, राज्य मंत्री गिरीश यादव अलग अलग जगहों पर सम्मेलन करने वाले हैं. सरकार और बीजेपी की कोशिश यही है कि किसानों के बीच कृषि बिल को लेकर बात रखी जा सके. अलीगढ़ में जो किसान सम्मेलन आयोजित हो रहा है, उसमें चारों जिलों के किसान यानि कि एटा, कासगंज, हाथरस और अलीगढ़ के किसान शामिल होंगे. बीजेपी का ये सम्मेलन किसान आंदोलन की काट कैसे बन सकता है. ये तो आने वाले समय ही बताएगा.
20 दिसंबर को श्रद्धांजलि सभा होगी. उनका आरोप है कि सरकार ने किसानों की एकता को तोड़ने की कोशिश की है, लेकिन वो अपनी कोशिश में नाकाम रही है.
गौरतलब है कि किसानों का आंदोलन और तेज होता जा रहा है. अब खबर आ रही है कि पश्चिमी यूपी की खाप पंचायत चौधरी भी किसान आंदोलन को समर्थन करने जा रही है. 17 दिसंबर को कृषि कानून के विरोध में खाप पंचायत चौधरी के सदस्य भी यूपी गेट पर किसानों के समर्थन में बैठेंगे. एक तरफ किसान आंदोलन चल रहा है, तो दूसरी तरफ बीजेपी किसान सम्मेलन आयोजित कर रही है. जिसका आज तीसरा दिन है. यूपी में आज एक साथ चार जगहों पर बीजेपी किसान सम्मेलन करने वाली है. जिसमें यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर, कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या, राज्य मंत्री गिरीश यादव अलग अलग जगहों पर सम्मेलन करने वाले हैं. सरकार और बीजेपी की कोशिश यही है कि किसानों के बीच कृषि बिल को लेकर बात रखी जा सके. अलीगढ़ में जो किसान सम्मेलन आयोजित हो रहा है, उसमें चारों जिलों के किसान यानि कि एटा, कासगंज, हाथरस और अलीगढ़ के किसान शामिल होंगे. बीजेपी का ये सम्मेलन किसान आंदोलन की काट कैसे बन सकता है. ये तो आने वाले समय ही बताएगा.
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