मुद्दे की बात: चाचा शरीफ को सम्मान, शाहीन बाग को पैगाम
manishn
Updated at:
27 Jan 2020 10:18 PM (IST)
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ये सच है कि लोकतंत्र में अगर आप किसी नीति से सहमत नहीं तो विरोध का हक रखते हैं...कोई चीज़ आपको खटक रही है...चुभ रही है तो उसे खत्म करने की हर मुमकिन कोशिश कर सकते हैं...लेकिन इस कोशिश का सबब दूसरों के लिए मुसीबत या देश के खिलाफ जहर उगलने के लिए हो...तो फिर विरोध की ये सूरत जायज कतई नहीं...तो फिर सवाल ये है कि होना क्या चाहिए...और इस सवाल का जवाब है अयोध्या के मोहम्मद शरीफ की शख्सियत में....समझने के लिए पूरी रिपोर्ट आपको देखनी होगी....बस इतनी गुजारिश है कि जेहन में शाहीन बाग़ और दूसरे विरोध के नारों और सोशल मीडिया पर संग्राम को भी अपने जेहन में जगह जरूर दीजिएगा....