जनसंख्या नियंत्रणः देश की सबसे बड़ी मुसीबत पर भी हो रही मजहबी सियासत
ABP News Bureau
Updated at:
20 Jun 2019 11:33 PM (IST)
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बजट से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण में देश की जनता के सामने मोदी सरकार का एजेंडा पेश कर दिया। जिसमें मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान कई मोर्चों पर हुए काम का ब्यौरा था और सरकार के दूसरे कार्यकाल में देश के सामने खड़ी चुनौतियों का जिक्र भी था। जिसमें रोजगार, गरीबी, पानी, स्वास्थ्य समेत कई अहम मुद्दे शामिल हैं लेकिन विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका भारत अब अपने ही बोझ तले दबने की ओर बढ़ने लगा है। सवा अरब के आंकड़े को पार कर चुका आबादी का आंकड़ा अपने साथ बेरोजगारी, भूख और गरीबी की खाई को भी बढ़ाता जा रहा है। देश के सामने खड़ी ये सबसे बड़ी मुसीबत भी राजनीति के लिए एक मुद्दा बनती दिख रही है। आबादी क्यों बढ़ रही है, इसे कैसे रोका जाए इसपर बहस की बजाय बात इसपर इसपर उलझने लगी है कि जनसंख्या कौन बढ़ा रहा है।