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रत्न रहस्य : गोमेद का परिवार के किस सदस्य से होता है संबंध
रत्न और रिश्तों की इस खास सीरीज में आज पंडित शशिशेखर त्रिपाठी ने बताया गोमेद रत्न के बारे मे। आपके अपने ASTRO FRIEND शशिशेखर त्रिपाठी ने बताया कि अक्सर लोग राहु के फलों की प्राप्त के लिए गोमेद धारण करते हैं। गोमेद का पूरा फल कैसा पाया जाए? जिससे राहु की कृपा आपको उन्नति दें।
राहु वास्तव में कोई ग्रह नहीं है। जहां पर पृथ्वी की कक्षा और चंद्रमा की कक्षा आपस में एक दूसरे को काटती है। इन कटान बिन्दुओं को राहु और केतु कहा जाता है। ऊपर जाता हुआ बिंदु राहु है, और नीचे आता हुआ बिंदु केतु। भारतीय ज्योतिषी परंपरा में राहु और केतु को ग्रह के रूप में स्थान दिया गया। वैसे राहु और केतु कोई वास्तविक ग्रह नहीं है। इन्हें छाया ग्रह कहा जाता है। राहु का रत्न गोमेद है,और गोमेद को एक्टिव करने के लिए राहु से संबंधित जीवित कारक को प्रसन्न करना अति आवश्यक है।
गोमेद का रिश्ता किससे है। यह जानने से पहले गोमेद जिस ग्रह से संबंधित है, उसके स्वभाव के विषय में जान लेते हैं। गोमेद राहु का रत्न है, और राहु जब भी कुछ देता है, तो निश्चय ही कुछ न कुछ आपसे लेता भी है । दूसरे शब्दों में राहु पापी ग्रह है। और पापी ग्रह सदैव बली लेते हैं। यानी कुछ देकर ही, इनसे कुछ लिया जा सकता है। राहु का सीधा संबंध हमारे घर के पितामाह यानी दादा जी से है। वहीं मातृ पक्ष से यह नानी का भी प्रतिनिधित्व करता है। यदि गोमेद का पूरा फल लेना है तो दादा और नानी की खूब सेवा करनी चाहिए। उनके बुढ़ापे की लाठी बनने से राहु बहुत प्रसन्न होता है।
राहु वास्तव में कोई ग्रह नहीं है। जहां पर पृथ्वी की कक्षा और चंद्रमा की कक्षा आपस में एक दूसरे को काटती है। इन कटान बिन्दुओं को राहु और केतु कहा जाता है। ऊपर जाता हुआ बिंदु राहु है, और नीचे आता हुआ बिंदु केतु। भारतीय ज्योतिषी परंपरा में राहु और केतु को ग्रह के रूप में स्थान दिया गया। वैसे राहु और केतु कोई वास्तविक ग्रह नहीं है। इन्हें छाया ग्रह कहा जाता है। राहु का रत्न गोमेद है,और गोमेद को एक्टिव करने के लिए राहु से संबंधित जीवित कारक को प्रसन्न करना अति आवश्यक है।
गोमेद का रिश्ता किससे है। यह जानने से पहले गोमेद जिस ग्रह से संबंधित है, उसके स्वभाव के विषय में जान लेते हैं। गोमेद राहु का रत्न है, और राहु जब भी कुछ देता है, तो निश्चय ही कुछ न कुछ आपसे लेता भी है । दूसरे शब्दों में राहु पापी ग्रह है। और पापी ग्रह सदैव बली लेते हैं। यानी कुछ देकर ही, इनसे कुछ लिया जा सकता है। राहु का सीधा संबंध हमारे घर के पितामाह यानी दादा जी से है। वहीं मातृ पक्ष से यह नानी का भी प्रतिनिधित्व करता है। यदि गोमेद का पूरा फल लेना है तो दादा और नानी की खूब सेवा करनी चाहिए। उनके बुढ़ापे की लाठी बनने से राहु बहुत प्रसन्न होता है।
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नयन कुमार झाराजनीतिक विश्लेषक
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